जीवन में ह्रदय के उदगार विभिन्न रूप में प्रकट होते हैं.कभी कहानी कभी कविता से भरा ये ब्लॉग.....
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शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2010
poem-pushp
हे पुष्प! मुझे तुमसे स्नेह है क्योकि तुम काँटों के बीच रहकर ; अनेक कष्टों को सहकर; बाटते हो सुगंध; कभी रोते नहीं; रहते हो मुस्कुराते हुए; सचमुच तुम हो एक उदाहरण इस संसार में; जो देता है 'दुखों को सहकर मुस्कुराते रहने की प्रेरणा'
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