मित्रता एक वरदान !
मित्रता का भाव मानव के लिए वरदान है ;
जो नहीं ये जानता वो मूर्ख है ;नादान है .
देखकर दुःख मित्र का जिसका ह्रदय होता विकल ;
त्याग देता मित्र हित पल में सदा जो सुख सकल ,
है वही सच्चा सखा धरती पे वो भगवान है .
मित्रता का भाव ..................................
पाप करने से सदा मित्र को है रोकता ;
हर त्रुटि पर ज्येष्ठ भ्राता सम उसे है टोकता ,
मित्र ही सच्चा हितैषी -सुग्रीव के श्री राम हैं .
मित्रता का भाव ............................
जो निराशा के समय प्रफुल्ल कर देता ह्रदय ;
छीन कर चिंता सभी जो मित्र को करता अभय ,
निर्मल ह्रदय से युक्त मित्र पुण्य पावन धाम है .
मित्रता का भाव ..........................
दौड़कर आ जाता है कृष्णा की एक पुकार पर ;
सारथी बनकर सिखाता -''शत्रु का संहार कर '',
जो सुदामा को भी देता आगे बढ सम्मान है .
मित्रता का भाव .................................
जो नराधम को बना देता नरों में श्रेष्ठ है ;
मित्र का कल्याण हो इस हेतु ही सचेष्ट है ,
मित्र की रक्षार्थ उत्सर्ग करता प्राण है .
मित्रता का भाव ...................................
जात-पात;ऊँच-नीच -वो कभी न मानता ;
मित्र को बस मित्र के ही रूप में पहचानता ,
मित्र मित्र है ;न वो निर्धन न वो धनवान है .
मित्रता का भाव ......................................
मित्र के उत्कर्ष पर जिसका है सीना फूलता ;
मित्र के सुख देखकर मन ख़ुशी से झूमता ,
मित्रता में द्वेष का होता नहीं स्थान है .
मित्रता का भाव ................................
जो विपत्ति में फंसे मित्र को न भूलता ;
मित्र हित की शाख पर जिस का ह्रदय है झूलता ,
दुःख की घड़ी में साथ देना मित्र की पहचान है .
मित्रता का भाव ..............................
शिखा कौशिक
6 टिप्पणियां:
बहुत ही सुंदर और साथक रचना ,मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई
सच्चे मित्र की पहचान लिखी है ... सुन्दर रचना
मित्रता दिवस की मुबारकबाद ...
मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई.....
बहुत सुंदर भावपूर्ण कविता..मित्रता की सही परिभाषा..
bahut sundar...sabd rachna bahut sundar hai...jawab nahi aapka....
bahut sundar....ek-2 shabd chuna hua hai...jawab nahi aapka..
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