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गुरुवार, 30 अगस्त 2012

मेरे शहर में ....मेरे देश में ...मेरी दुनिया में.. मेरे घर से ज्यादा क्या खूबसूरत हो सकता है !



ये बेशकीमती है  ; ये मेरी दुनिया है ,
ये मेरा घर है ,ये ही मेरी दौलत है .

कितनी महफूज़ हूँ इसके आँगन की बांहों में ;
ये मेरा घर है  ,ये ही मेरी अस्मत  है .

पाक चौखट है इसकी ;  मेरा इबादतखाना है  ,
ये मेरा घर है  , ये ही मेरी मन्नत है .

यहाँ बसी हैं बचपन की सारी यादें कोने कोने में ;
ये मेरा घर है ,ये ही मेरी किस्मत है .

ना दूर रहकर इससे दिल को सुकून आता है ,
ये मेरा घर है  ,ये ही मेरी ज़न्नत है .
                                             शिखा कौशिक ''नूतन ''

रविवार, 26 अगस्त 2012

धिक्कार इस जनतंत्र पर !


धिक्कार इस जनतंत्र पर !



है विषमता ही विषमता  
जाती जिधर  भी है नज़र ,
कारे खड़ी  गैरेज में हैं  
और आदमी फुटपाथ  पर  .

एक तरफ तो सड़ रहे 
अन्न के भंडार हैं ,
दूसरी तरफ रहा 
भूख से इंसान मर    
 है विषमता ही विषमता  


निर्धन कुमारी ढकती तन 
चीथड़ों को जोड़कर
सम्पन्न बाला उघाडती  
कभी परदे पर कभी  रैंप पर 
 है विषमता ही विषमता  

मंदिरों में चढ़ रहे 
दूध रुपये मेवे फल  ,
भूख से विकल मानव 
भीख मांगे  सडको  पर 
 है विषमता ही विषमता  

कोठियों में रह रहे  
जनता के सेवक ठाठ से  ,
जनता के सिर पर छत नहीं 
धिक्कार इस जनतंत्र पर !

                      शिखा कौशिक 

शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

शुक्र मना बिटिया रानी !!!

शुक्र मना बिटिया रानी 
Sweet : Little Girl in Gray Sweater and Flower

शुक्र मना बिटिया रानी 
लेने  दिया  हमने  जन्म तुझे ;
वरना निपटाते  कोख में ही 
क्यों बात नहीं तू  ये समझे ?

शुक्र मना बिटिया रानी 
तेरा ब्याह किया  दहेज़ दिया ;
तेरी खातिर तेरे बाप ने है 
अपमान का कितना गरल पिया ! 


शुक्र मना बिटिया रानी 
पतिदेव ने केवल पीट दिया ;
कितने पतियों ने पत्नी को 
निज अहम् की आग में झोंक दिया .


शुक्र मना बिटिया रानी    

तू मरी सुहागन दुनिया में  ;
जीवन भर किया ज़लील  तुझे  
पर श्राद्ध किया बड़ी श्रद्धा से !!!

                                       SHIKHA KAUSHIK 



मंगलवार, 21 अगस्त 2012

पुरुष सदा निर्दोष -एक सार्वभौमिक सत्य

पुरुष सदा  निर्दोष -एक सार्वभौमिक  सत्य  


देवी सीता का हुआ हरण   
इसके पीछे था क्या कारण ?
स्त्री बोली - था नीच अधम 
लंका का राजा वो  रावण  
पर  पुरुष  का है भिन्न मत  
उसने ढूँढा स्त्री मे दोष  
बोला एक पक्ष है  अनदेखा  
क्यों लांघी सीता   ने   
लक्ष्मण  -रेखा ?


चीर हरण कृष्णा का हुआ 
क्यों हुआ कहो इसका कारण ?
स्त्री बोली -पुरुषों के खेल 
सदियों से नारी रही झेल ,
पर पुरुष का है भिन्न मत 
उसने ढूँढा स्त्री का दोष 
कृष्णा वचनों की कटु चोट 
दुर्योधन उर को रही कचोट 
कृष्णा का दोष था इसमें साफ़ 
कौरव कर देते कैसे माफ़ ?





फिजा  की निर्मम हत्या और
 गीतिका की आत्महत्या 
दोनों में दोषी है कौन ?
कहो जरा मत रहो मौन  ,
स्त्री बोली-शोषण आग में वे जल गयी 
मक्कार पुरुष से छली गयी ,
पर पुरुष का है भिन्न मत 
उसने ढूँढा स्त्री में दोष 
दोनों क्या  बच्ची  थी अबोध 
यथार्थ का नहीं था बोध ?
उड़ने के जोश में खोये होश  
क्यों रही शोषण पर खामोश ?
परिवार पिता भाई  माता  
सबका इसमें दोष है 
चाँद और गोपाल तो 
बन्दे  बिल्कुल निर्दोष हैं !!!
                                    शिखा कौशिक 
                                [नूतन ]


















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रविवार, 19 अगस्त 2012

''ईद मुबारक ''


''ईद मुबारक ''

ईद का दिन  आ  गया   हो मुबारक आपको ,
नेकी बढे दिल में सभी  के  हो मुबारक आपको 
बरकत लिए आये ख़ुशी घर  में आज आपके 
हर साल आये ईद का दिन  हो मुबारक आपको !

                      शिखा  कौशिक  

मंगलवार, 14 अगस्त 2012

ये तिरंगा नहीं हमारी जान है !

ये तिरंगा नहीं हमारी जान है !

Flag Foundation Of India
ये तिरंगा नहीं हमारी जान है ;
फलक पर फहरता तिरंगा भारत का सम्मान है .
ते तिरंगा नहीं ................
लाखो देशभक्तों ने प्राण न्यौछावर किये ;
१५ अगस्त ४७ को तब आजाद हुए ,
याद दिलाता तिरंगा शहीदों की  पहचान है .
ये तिरंगा नहीं .......
गाँधी के सत्याग्रह ने गोरी सरकार हिलाई ;
'अंग्रेजो भारत 'छोडो ने मुक्ति जोत जगाई ,
फहरता तिरंगा उसी बापू की पहचान है .
ये तिरंगा ......
भगत सिंह संग राजगुरु सुखदेव चढ़ गए फांसी पर ;
क्रूर ब्रिटिश सत्ता से आजाद ने ली थी टक्कर ,
शहीदों की कुर्बानी का तिरंगा पहचान है .
ये तिरंगा नहीं .....
जयहिंद के नारे से सुभाष ने गगन गुंजाया ;
नेहरू और पटेल  ने प्राणों का दांव लगाया ,
आजादी की तिरंगा रौशन मशाल है .
ये तिरंगा नहीं .....
है प्रण ये हमारा हम  इसको  झुकने  न  देंगे ;
आंच कभी   आजादी पर भारत की आने न देंगे ,
धर्म हमारा तिरंगा ..ये स्वाभिमान है .
ये तिरंगा नहीं .............
                                जय  हिंद !
                       शिखा कौशिक 

बुधवार, 8 अगस्त 2012

कृष्ण जन्म अष्टमी पर शुभकामनाएं |


कृष्ण जन्म अष्टमी पर शुभकामनाएं | 

जसोदा तेरा लल्ला कितना सलोना है ,
पालने में झूलता चंदा सा खिलौना .
कान्हा को बाँहों का झूला झुलाएंगे ,
मीठी मीठी लोरी सुनाकर सुलायेंगें ,
ममता की बरखा से उसको भिगोना है .
जसोदा तेरा लल्ला ....
ले गोद  कान्हा को गोकुल घुमाएंगे ,
गैय्या दिखाएंगें उपवन घुमायेंगें ,
मखमल सा कोमल ये गोकुल का छौना है .
जसोदा तेरा लल्ला .....

कहते हैं सब ये जग का खिवैय्या है ,
हमारे लिए तो बस ये कन्हैय्या है ,
ये ही हमारा रत्न-धन-सोना है .
जसोदा तेरा लल्ला ....
                         शिखा कौशिक 
                    [भक्ति अर्णव ] *राधे तूने  मुरली  क्यों  है  चुराई ?

मंगलवार, 7 अगस्त 2012

बदनाम जिन्दगी ...दर्दनाक मौत !

बदनाम  जिन्दगी  ...दर्दनाक  मौत  !


नैतिकता ; मर्यादा ; शुचिता ,
इन सबका दारोमदार है स्त्री पर 
फिर कैसे पार करती है वो लक्ष्मण रेखा ?
अग्नि परीक्षा देते शायद  
हर अगली ने पिछली सीता को नहीं देखा .

पुरुष सत्ताक समाज के बंधन 
तोड़ने के लिए ;
बन जाती है पुरुष ही के हाथ का खिलौना ,
अपनी खूबसूरत जिन्दगी को क्यों 
बना डालती है स्त्री घिनौना ?


नैना ; भंवरी ,फिज़ा हो या 
हो कविता -मधुमिता ,
पुरुष के हाथ की कठपुतली बन 
शीश पुरुष -चरणों   में ही क्यों   झुकता ?

महत्वाकांक्षाओं का गगन छूने के लिए 
क्या जरूरी था पुरुष का सहारा ?
वो खेलता रहा तुमसे ..तुम ही हारी सदा 
वो कभी ना हारा .

बदनाम जिंदगी ..दर्दनाक मौत 
का रास्ता तुमने ही चुना ,
पर एक प्रश्न तो अनुत्तरित  ही रहा  ,
नारी की गरिमा गिराने का हक़  जब 
पुरुष तक को नहीं फिर नारी 
को किसने दिया ?
                         शिखा कौशिक 
                        [विख्यात ]


शनिवार, 4 अगस्त 2012

मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !



मित्रता एक वरदान !



Glimpses of friendship between kids
                                      
मित्रता का भाव मानव के लिए वरदान है ;
जो नहीं ये जानता वो मूर्ख है ;नादान है .

देखकर दुःख मित्र का जिसका ह्रदय होता विकल ;
त्याग देता मित्र हित पल में सदा जो सुख सकल ,
है वही सच्चा सखा धरती पे वो भगवान है .
मित्रता का भाव ..................................

पाप करने से सदा मित्र को है रोकता ;
हर त्रुटि पर ज्येष्ठ भ्राता सम उसे है टोकता ,
मित्र ही सच्चा हितैषी -सुग्रीव के श्री राम हैं .
मित्रता का भाव ............................

जो निराशा के समय प्रफुल्ल कर देता ह्रदय ;
छीन कर चिंता सभी जो मित्र को करता अभय ,
निर्मल ह्रदय से युक्त मित्र पुण्य पावन धाम है .
मित्रता का भाव ..........................

दौड़कर आ जाता है कृष्णा की एक पुकार पर ;
सारथी बनकर सिखाता -''शत्रु का संहार कर '',
जो सुदामा को भी देता आगे बढ सम्मान है .
मित्रता का भाव .................................

जो नराधम को बना देता नरों में श्रेष्ठ है ;
मित्र का कल्याण हो इस हेतु ही सचेष्ट है ,
मित्र की रक्षार्थ उत्सर्ग करता प्राण है .
मित्रता का भाव ...................................

जात-पात;ऊँच-नीच -वो कभी न मानता ;
मित्र को बस मित्र के ही रूप में पहचानता ,
मित्र मित्र है ;न वो निर्धन न वो धनवान है .
मित्रता का भाव ......................................

मित्र के उत्कर्ष पर जिसका है सीना फूलता ;
मित्र के सुख देखकर मन ख़ुशी से झूमता ,
मित्रता में द्वेष का होता नहीं स्थान है .
मित्रता का भाव ................................

जो विपत्ति में फंसे मित्र को न भूलता ;
मित्र हित की शाख पर जिस का ह्रदय है झूलता ,
दुःख की घड़ी में साथ देना मित्र की पहचान है .
मित्रता का भाव ..............................

शिखा कौशिक