सारी दुनिया दुश्मन है !
आज एक ईमानदार व्यक्ति क्या सोचता है और महसूस करता है इस गाने में उन्ही भावों को संजोने का प्रयास किया है -
मैं सच कहना चाहता हूँ
ये कहने ना है देती ;
मैं चुप रहना चाहता हूँ
ये रहने ना है देती ;
मेरी हर चाहत को ये रौंद रही हर पल
सारी दुनिया दुश्मन है ,सारी दुनिया दुश्मन है .
पैसे वाले के पीछे ये पूंछ हिलाती चलती ;
पर हाय कुटिल चालों से निर्धन को है ये छलती ,
हाँ!देख तमाशा इसका हो जाता हूँ मैं पागल .
सारी दुनिया दुश्मन .......................................
जो गिरा फिसल कर कोई ये नहीं सहारा देती ;
जो पा जाता है मंज़िल उसके पीछे हो लेती ;
मक्कारों की ये मजलिस कहती है दिल की धड़कन .
सारी दुनिया दुश्मन ..................................................
यहाँ चहुँ ओर रावन का बजता रहता है डंका ;
वो ले जाता है हरकर प्रतिदिन सीता को लंका ;
फिर अग्नि परीक्षा माता सीता की ही ली जाती .
सारी दुनिया दुश्मन है ......................................
शिखा कौशिक