जीवन में ह्रदय के उदगार विभिन्न रूप में प्रकट होते हैं.कभी कहानी कभी कविता से भरा ये ब्लॉग.....
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गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010
poem-prathmikta
मेरी आरजू कुछ कर दिखाने की; मेरा जूनून कुछ बन पाने का ; मेरी ख्वाहिश सब कुछ पाने की; मेरे दिल में कशमकश ऊँचा उठ जाने की; मुझ में हलचल उड़कर दिखाने की; मुझमें हिम्मत नवीन सर्जन करने की; 'मै मनुष्य हूँ' ये हैं मेरी प्राथमिकताएं.
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