जीवन में ह्रदय के उदगार विभिन्न रूप में प्रकट होते हैं.कभी कहानी कभी कविता से भरा ये ब्लॉग.....
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रविवार, 10 अक्तूबर 2010
poem-antar
चिलचिलाती धूप भी कितनी शीतल लगती है जब एयर- कंडिशनर कमरे की बंद खिड़की के शीशे से बाहर देखो. जनवरी की रात भी कितनी गरम लगती है जब कमरों में हीटर लगाकर लिहाफ में let जाओ गद्दों के पलंग par.antar
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