जीवन में ह्रदय के उदगार विभिन्न रूप में प्रकट होते हैं.कभी कहानी कभी कविता से भरा ये ब्लॉग.....
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मंगलवार, 12 अक्तूबर 2010
sachin ko dohre shatak par badhai
मिसालें झुक के जिसके कदम चूम लेती हैं; बहारें जिसके आने से खुशी से झूम लेती हैं; करें तारीफ क्या उसकी? वो हर एक आंख का तारा; विनम्र; विजयी-'सचिन' को सलाम है हमारा.
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