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गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

poem-shanknaad

दूसरों की आँखों
से आंसू
बहते देखकर
अपने सारे
गम कितने
छोटे लगते हैं;
दूसरों को
सांत्वना देकर
ह्रदय में शांति
के 'शंखनाद'
होते है.

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