जिन्दगी क्या है?
ख़ुशी के दो -चार पल.
ख़ुशी क्या है?
हर्दय में उठती तरंगों की हलचल.
ह्रदय क्या है? भावनाओं का उद्गम-स्थल.
भावना क्या है?
एक अति सुन्दर वृति.
सुन्दर क्या है?
जो नयनों को भाए.
नयन क्या है?
जो वास्तविकता दिखलाए.
वास्तविकता क्या है?
ये सारा संसार.
संसार क्या है?
दुखों का भंडार.
दुःख क्या है?
सुख की anupasthiti.
सुख क्या है?
मनचाहे की उपस्थिति.
मनचाहा क्या है?
खुशहाल जिन्दगी.
जिन्दगी क्या है?
ख़ुशी के दो -चार पल.
3 टिप्पणियां:
zindagi ko acha sajaya hai apne...bhadai...Archana
अति उत्तम शिखा जी ,सुन्दर तरीके से ब्यक्त किया है आपने जिंदगी को ...आपको शत़ शत़ नमन
अति उत्तम शिखा जी ,सुन्दर तरीके से ब्यक्त किया है आपने जिंदगी को ...आपको शत़ शत़ नमन
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