खुशियों की माला लेकर ;
नववर्ष खड़ा तेरे द्वारे ;
इस नए वर्ष में जो देखो ;
वे सपने सच्चे हो सारे .
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तुम स्वस्थ रहो ;बलवान बनो;
धनवान बनो ;विद्वान बनो;
इस वर्ष में नित दिन सेवा कर ;
आज्ञाकारी संतान बनो ;
मन में नव पुण्य जाग्रत हो ;
पाप सभी मन के हारें ;
इस नए वर्ष में जो देखो ;
वे सपने सच्चे हो सारे .
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घर -आँगन जगमग-जगमग हो ;
नित मंगलकारी साज बजें ;
आपस में प्रेमभाव पनपे;
बैर क़ा पेड़ कटे जड़ से ;
धरती पर पैर जमाकर तुम ;
छू आओ नभ के सब तारे .
इस नए वर्ष में जो देखो
वे सपने सब सच्चे हो सारे .
3 टिप्पणियां:
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
आपको तथा आपके पूरे परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ!
मंगलकामनाओं से ओतप्रोत आपकी कविता अच्छी लगी ! आपको भी ढेरों शुभकामनाएँ!
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