छोड़ विवशता वचनों को
व्यवस्था -धार पलट डालें ;
समर्पण की भाषा को तज
क्रांति स्वर में ललकारें .
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छीनकर जो तेरा हिस्सा
बाँट देते है ''''अपनों '''' में
लूटकर सुख तेरा सारा
लगाते सेंध ''सपनों'' में ;
तोड़ कर मौन अब अपना
उन्हें जी भर के धिक्कारें .
समर्पण की भाषा को तज
क्रांति स्वर में ललकारें .
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हमी से मांगकर वोटें
जो सत्तासीन हो जाते ;
भूलकर के सारे वादे
वो खुद में लीन हो जाते ,
चलो मिलकर गिरा दें
आज सत्ता-मद की दीवारें .
समर्पण की भाषा को तज
क्रांति स्वर में ललकारें .
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डालकर धर्म -दरारें
गले मिलते हैं सब नेता ;
कुटिल चालें हैं कलियुग की
ये न सतयुग, न है त्रेता ,
जगाकर आत्म शक्ति को
चलो अब मात दे डालें .
समर्पण की भाषा को तज
क्रांति स्वर में ललकारें.
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8 टिप्पणियां:
बेहद उम्दा प्रस्तुति।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (16/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
देश भक्ति के लिए आगे बढ़ कुछ करने को प्रेरित करती सुन्दर अभिव्यक्ति....
बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ जिस पर हर गुरुवार को रचना प्रकाशित...आज की रचना "प्रभु तुमको तो आकर" साथ ही मेरी कविता हर सोमवार और शुक्रवार "हिन्दी साहित्य मंच" at www.hindisahityamanch.com पर प्रकाशित..........आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे..धन्यवाद
बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ जिस पर हर गुरुवार को रचना प्रकाशित...आज की रचना "प्रभु तुमको तो आकर" साथ ही मेरी कविता हर सोमवार और शुक्रवार "हिन्दी साहित्य मंच" at www.hindisahityamanch.com पर प्रकाशित..........आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे..धन्यवाद
aap sabhi ka meri rachna ko sarahne ke liye hardik dhanywad.
sundar prastuti!
हेल्लो . साक्षात्कार.कॉम ने अपना नया पत्रकारिता नेटवर्क शुरू कर दिया है . आप प्रेसवार्ता.कॉम नेटवर्क से जुड़कर आप समाचार , लेख , कहानिया , कविता , फोटो , विडियो और अपने ब्लॉग को जन जन तक भेज सकते है . इसके लिए आपको प्रेसवार्ता.कॉम पर जाकर अपना एक प्रोफाइल बनाना होगा . प्रेसवार्ता.कॉम से जुड़ने का लिंक www.pressvarta.com है .
सुशील गंगवार
www.pressvarta.com
www.99facebook.com
आपकी भावनाएं आपकी अभिव्यक्ति को महत्वपूर्ण बनाती हैं.बधाई.
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