सपने न देख सतरंगी
ए मेरे दोस्त !
इस दुनिया क़ा रंग काला है
बस इतना जान ले !
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ह्रदय की भव्यता क़ा
कोई मोल नहीं ;
पैसे क़ा बोलबाला है ;
बस इतना जान ले !
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न मांग कुछ भी
भिखारी बनकर ;
गुंडों क़ा बोलबाला है ,
बस इतना जान ले !
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3 टिप्पणियां:
कवित बहुत सुन्दर बन पडा है ये भी जान लें …
ह्रदय की भव्यता क़ा
कोई मोल नहीं ;
पैसे क़ा बोलबाला है ;
बस इतना जान ले !
Bahut khoob...... Sateek rachna...
कड़वे यथार्थ का बोध कराती रचना है |
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