कभी सुख कभी दुःख क़ा साया ,
कभी धूप तो कभी छाया ,
कभी चमकती हुई आशा ,
कभी अँधेरी निराशा ,
कभी मुस्कुराते चेहरे ;
कभी मुरझाई शक्ले ,
कभी सुनहरा प्रभात ,
कभी काली रात,
कभी सूखती धरती,
कभी बरसता बादल,
ये सब देखना है......
तो जिन्दगी जीकर देखिये ! !
8 टिप्पणियां:
ये सब देखना है......
तो जिन्दगी जीकर देखिये ! !
क्या बात कही...बिलकुल सीधी और सच्ची.
जी हाँ यही तो जिन्दगी है!
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रचना में सुन्दर वर्णन!
बहुत खूब ..... यही जीवन के रंग हैं....
बहुत खूब्……………यही है ज़िन्दगी।
Sach kaha .. jindagi jeena ka maja kuch aur hi hai ..
जीवन कई अनुभवों का साक्षी बनाता ही है...
bahut khoob......
pate ki baat kahi hai...!!!
जिंदगी में ये सब उतार चढाव के रूप में आते है | सीधी और सच्ची बात हेतु धन्यवाद |
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