'ने' ऋषि पालित धरा,
हिन्दू - वतन - हिमालयी,
उपासना की पद्धति -
प्रतीक सब समन्वयी,
त्रिभुवन में आज गूंजता
नेपाल का प्रताप है.
नेपाल ! प्यारे बन्धु राष्ट्र,
भारत को तुझ पे नाज़ है!
'सयौं थुंगा फुलका हामी '
अधरों पे नित्य सज रहा,
' लाली गुरांस 'पुष्प-सा
दुनिया में महक रहा,
' डांफे '-सम नित भर रहा
विकास की परवाज़ है.
नेपाल ! प्यारे बन्धु राष्ट्र,
भारत को तुझ पे नाज़ है!
नेपाल में ही तो बसी
श्रीराम की ससुराल है,
बुद्ध की जन्म - स्थली
शत्- शत् तुझे प्रणाम है,
स्वर्ग से ऊपर ह्रदय में
जन्मभूमि का निवास है!
नेपाल ! प्यारे बन्धु राष्ट्र,
भारत को तुझ पे नाज़ है!
डॉ शिखा कौशिक नूतन
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