जीवन में ह्रदय के उदगार विभिन्न रूप में प्रकट होते हैं.कभी कहानी कभी कविता से भरा ये ब्लॉग.....
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शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010
poem-meri maa
मलाई सी hatheli से thapki देती मेरी माँ! मेरे संग- संग हंसती फिर मेरे ही संग रो लेती माँ! मै गिर jaun;उठ न paun मुझे उठाकर बड़ा सहारा देती माँ! खुद जग-जग कर मुझे सुलाती; मेरे सारे काम कराती; बड़े लाड से चूम के माथा नई कहानी कहती माँ!
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