शुक्र मना बिटिया रानी
शुक्र मना बिटिया रानी
लेने दिया हमने जन्म तुझे ;
वरना निपटाते कोख में ही
क्यों बात नहीं तू ये समझे ?
शुक्र मना बिटिया रानी
तेरा ब्याह किया दहेज़ दिया ;
तेरी खातिर तेरे बाप ने है
अपमान का कितना गरल पिया !
शुक्र मना बिटिया रानी
शुक्र मना बिटिया रानी
पतिदेव ने केवल पीट दिया ;
कितने पतियों ने पत्नी को
निज अहम् की आग में झोंक दिया .
शुक्र मना बिटिया रानी
तू मरी सुहागन दुनिया में ;
जीवन भर किया ज़लील तुझे
पर श्राद्ध किया बड़ी श्रद्धा से !!!
SHIKHA KAUSHIK
6 टिप्पणियां:
bilkul sahi kaha hai aapne har beti ko ye shukr to manana hi chahiye.nice presentation संघ भाजपा -मुस्लिम हितैषी :विचित्र किन्तु सत्य
कविता में समाज का "हलाहल" है मगर सच भी तो यही है :(
तीखा कटाक्ष करती अच्छी रचना
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (25-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
feelings with feel of reality
बहुत सटीक और मर्मस्पर्शी रचना..
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