ये तिरंगा नहीं हमारी जान है !
ये तिरंगा नहीं हमारी जान है ;
ये तिरंगा नहीं हमारी जान है ;
फलक पर फहरता तिरंगा भारत का सम्मान है .
ते तिरंगा नहीं ................
लाखो देशभक्तों ने प्राण न्यौछावर किये ;
१५ अगस्त ४७ को तब आजाद हुए ,
याद दिलाता तिरंगा शहीदों की पहचान है .
ये तिरंगा नहीं .......
गाँधी के सत्याग्रह ने गोरी सरकार हिलाई ;
'अंग्रेजो भारत 'छोडो ने मुक्ति जोत जगाई ,
फहरता तिरंगा उसी बापू की पहचान है .
ये तिरंगा ......
भगत सिंह संग राजगुरु सुखदेव चढ़ गए फांसी पर ;
क्रूर ब्रिटिश सत्ता से आजाद ने ली थी टक्कर ,
शहीदों की कुर्बानी का तिरंगा पहचान है .
ये तिरंगा नहीं .....
जयहिंद के नारे से सुभाष ने गगन गुंजाया ;
नेहरू और पटेल ने प्राणों का दांव लगाया ,
आजादी की तिरंगा रौशन मशाल है .
ये तिरंगा नहीं .....
है प्रण ये हमारा हम इसको झुकने न देंगे ;
आंच कभी आजादी पर भारत की आने न देंगे ,
धर्म हमारा तिरंगा ..ये स्वाभिमान है .
ये तिरंगा नहीं .............
जय हिंद !
शिखा कौशिक
4 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति.स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए
ये स्वतंत्रता दिवस पर देश की आज़ादी के लिए हुए शहीदों का सम्मान है .
हम उन्हें भूले नहीं आजाद होकर भी ये लिखना इस बात की पहचान है.
स्वतंत्रता दिवस पर बहुत भावपूर्ण रचना के लिए बधाई.
बहुत ही बढ़िया
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
vakayee me "jis din ye tiranga hamara dharm ho jayga ye ,mulk madhuban ho jayga"nice feelings
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