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रविवार, 19 जून 2011

मेरे पिता -मेरे जीवनदाता

मेरे  पिता -मेरे जीवनदाता 
सूरज की चमक भी उनसे कम है;
फूलों की महक भी उनसे कम है ;
वो रख दें सिर पे हाथ जो आशीषों वाला ;
जन्नत की ख़ुशी भी उससे  कम है ;
वो मेरे पिता हैं -मेरे जीवन दाता .
सूरज की ......
उनकी नजरों से देखा जग सारा ;
हर पल देते हैं हमको वो सहारा ;
अनुशासन में हैं पक्के,हर बात में दम है .
सूरज की ......

दुनिया  के सातों रंग दिखाते ;
दुनियादारी के ढंग सिखाते ,
जब साथ मिला है उनका तो क्या कोई ग़म है !
सूरज की .....
                                शिखा कौशिक 

7 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति पितृ दिवस पर ..

Shalini kaushik ने कहा…

great.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Behtreen ....man ko chhooti prastuti....

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

आज के दिन कितनी सुंदर पोस्ट ....... हैप्पी फादर्स डे.

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

समर्पण के भावों से भरी इस सुन्दर रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें...

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

शत प्रतिशत सच .....

पूज्य पिता जी को समर्पित भावपूर्ण रचना

Asha Joglekar ने कहा…

Pita aise hee hote hain.