जय भारत माता की
धरती से लेकर अम्बर तक ;
सूरज से लेकर समंदर तक;
पूरब से लेकर पश्चिम तक ;
उत्तर से लेकर दक्षिण तक ;
जय भारत माता ........
सीमाओं पर डट जाओ;
माँ की आन पे मिट जाओ ;
दुश्मन से जा टकराओ ;
मार दो या मर जाओ ;
ye kahte nikle dam
जय भारत माता की !
लक्ष्य से विचलित ना हो मन ;
रखना सुरक्षित अपना वतन ;
शत्रु की चाल को करके विफल;
दिखला देना बाहुबल;
बस लबो पे रहे हरदम
जय भारत माता की .
जय हिंद !
शिखा कौशिक
[विख्यात ]
सीमाओं पर डट जाओ;
माँ की आन पे मिट जाओ ;
दुश्मन से जा टकराओ ;
मार दो या मर जाओ ;
ye kahte nikle dam
जय भारत माता की !
लक्ष्य से विचलित ना हो मन ;
रखना सुरक्षित अपना वतन ;
शत्रु की चाल को करके विफल;
दिखला देना बाहुबल;
बस लबो पे रहे हरदम
जय भारत माता की .
जय हिंद !
शिखा कौशिक
[विख्यात ]
10 टिप्पणियां:
बहुत ओजपूर्ण प्रस्तुति...जय हिन्द
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
--
घूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा मंच ।
लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।
बहुत बढ़िया।
सादर
जय हो माइया की ...भारत माता ही जय ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका सवागत है http://mhare-anubhav.blogspot.com/ .
आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार 21/1/2012 को। कृपया पधारें और अपने अनमोल विचार ज़रूर दें।
बहुत सुन्दर ओजपूर्ण और प्रेरक प्रस्तुति है आपकी.
आपकी देश भक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
आशा करता हब आपको अच्छा लगेगा.
बहुत प्यारी कविता... जय हिन्द
जय हो!!!!
बढ़िया प्रस्तुति
सुंदर रचना
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