सावधान रहें ऐसे गुरु -चेले से !
गुरु का करते हैं वंदन !
गुरु का करते हैं वंदन !
तंत्र सिखा दो मन्त्र सिखा दो
सिखा दो जादू टोना
खाली झोली लाया हूँ मैं
भर दो चांदी सोना ;
गुरु का करते ...............
वशीभूत करने का मुझको
अब तो मन्त्र बता दो ;
कैसे ठगते जनता को हैं ?
ये षड्यंत्र सिखा दो ,
गुरु का करते हैं ......
भोली जनता बलि का बकरा
कैसे है बन जाती ?
राज खोल दो आज गुरु जी
बात समझ नहीं आती ,
गुरु का करते .........
चेले ने जब पैर दबाये
तब गुरु जी ये बोले ...
सबसे पहले साथ में रखो
बड़े बड़े से झोले ,
गुरु का करते ....
झोले लेकर जनता के फिर
बीच में तुम को जाना ;
झाड़ -फूंक का ढोंग रचाकर
अपना रंग जमाना ,
गुरु का करते हैं वंदन ...
जगा के लालच कहना मैं
दुगने कर दूंगा गहने ;
गहने हाथ में आ जाये
फिर किस्मत के क्या कहने !
गुरु का करते ...
सबकी आँखें बंद कराकर
रफूचक्कर हो जाना ,
पुलिस जो पकडे कभी तुम्हे
फिर उसको भेंट चढ़ाना ,
गुरु का करते हैं ............
चेले मैंने आज तुम्हे
सारी विद्या दे डाली ;
बस तुम रीत निभाते रहना
गुरु दक्षिणा वाली ,
गुरु का करते ....
शिखा कौशिक
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर उनको शत शत नमन!
Nice post didi ji..........
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