बीवी और शौहर
रात भर जागी बीवी दर्द से जो तडपा शौहर ;
कभी बीवी के लिए क्यों नहीं जगता शौहर ?
करे जो काम बीवी फ़र्ज़ हैं उसको कहते ;
अपने हर एक काम को अहसान क्यों कहता शौहर ?
रहो हद में ये हुक्म देता बीवी को ;
मगर खुद पर कोई बंदिश नहीं रखता शौहर .
नहीं है हक़ बीवी को उठा के देख ले आँखें ;
जरा सी बात पर क्यों हाथ उठाता शौहर ?
शौहर के लिए दुनिया छोड़ देती बीवी ;
दुनिया के कहने पर उसी को छोड़ता शौहर .
शिखा कौशिक
[विख्यात ]
2 टिप्पणियां:
बहुत ही सशक्त अभिव्यक्ति!
प्रिय शिखा कौसिक जी धन्यवाद | आपका ये पोस्ट बहुत ही मार्मिक है | वास्तव में ऐसा क्यों होता है | मैं तो ऐसा कभी नही करूँगा अगर मेरी शादी हुई तो | नया साल मुबारक हो |
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