जिसके नगमों का हर लफ्ज़ असर करता है
ऐसे शायर का तो अंदाज़ अलग होता है .
वो हकीकत को शायरी में ढाल देता है
मगर उसको न कभी खुद पे नाज़ होता है .
वो करता शुक्रिया हौसला अफजाई का
खुशामदों से मगर वो नाराज़ होता है .
जहाँ पर ख़त्म होता है दुनिया का हुनर
वही से उसके हुनर का आगाज़ होता है .
वो दोस्तों के लिए है बड़ा मासूम मगर
दुश्मनों के लिए वो चतुर बाज़ होता है .
वो हर अशआर में दिल खोलकर रख देता है
उसके दिल में नहीं कोई साज़ होता है .
कैसे लिख लेता है दिल को चीरती सी ग़ज़ल
खुदा जाने या वो ; एक raaz होता है
shikha kaushik
8 टिप्पणियां:
वो करता शुक्रिया हौसला अफजाई का
खुशामदों से मगर वो नाराज़ होता है !
sachhai bayan ki hai shikha zi !
bahool khoob likha hai :)
वो हर अशआर में दिल खोलकर रख देता है
उसके दिल में नहीं कोई साज़ होता है
vah bahut khoob.
जिसके नगमों का हर लफ्ज़ असर करता है
ऐसे शायर का तो जुदा अंदाज होता है.
वाह शिखा जी, हर अशआर जुदा अंदाज में लिखा है.
वो हकीकत को शायरी में ढाल देता है
मगर उसको न कभी खुद पे नाज़ होता है .
वो करता शुक्रिया हौसला अफजाई का
खुशामदों से मगर वो नाराज़ होता है .
Bahut Sunder..... Khoob kaha...
वो करता शुक्रिया हौसला अफजाई का
खुशामदों से मगर वो नाराज़ होता है .
जहाँ पर ख़त्म होता है दुनिया का हुनर
वही से उसके हुनर का आगाज़ होता है .
अब यह लिखूं कि वाह क्या बात कही है ..तो खुशामद मत समझियेगा .. :):)
बहुत अच्छे अशआर!
very nice post.abhar
जहाँ पर ख़त्म होता है दुनिया का हुनर
वही से उसके हुनर का आगाज़ होता है .
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सुन्दर रचना
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