कभी माँ के थके पैरों को दबा कर देखो
ख़ुशी जन्नत की अपने दिल में तुम पा जाओगे .
जिसने देकर के थपकी सुलाया है तुम्हे
क्या उसे दर्द देकर चैन से सो पाओगे ?
करीब बैठकर माँ की नसीहतें भी सुनो
कई गुस्ताखियाँ करने से तुम बच जाओगे .
उसने हर फ़र्ज़ निभाया है बड़ी तबियत से
उसके हिस्से का क्या आराम तुम दे पाओगे ?
उम्रदराज़ हुई चल नहीं वो पाती है
उसे क्या छोड़ पीछे आगे तुम बढ जाओगे ?
जिसने कुर्बान करी अपनी हर ख़ुशी तुम पर
उसके होठों पे क्या मुस्कान सजा पाओगे ?
तुम्हे छू कर के मिटटी से बनाती सोना
माँ ! वो पारस है उसे भूल कैसे पाओगे ?
शिखा कौशिक
7 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर भाव ..
पर जिसके पास माँ की नसीहत
सुनने का वक्त न हो वो क्या इस नसीहत को समझेगा ..
करीब बैठकर माँ की नसीहतें भी सुनो
कई गुस्ताखियाँ करने से तुम बच जाओगे .
बहुत सुंदर भाव लिए पंक्तियाँ रची हैं....बधाई
Sabse pyari lagati Maa....
sundar , ati sundar bhavabhivyakti....
bahut sundar bhav, bahut khoobsurat post
करीब बैठकर माँ की नसीहतें भी सुनो कई गुस्ताखियाँ करने से तुम बच जाओगे .
बहुत सुंदर भावनाओं को दर्शाती प्रेरणादायी पोस्ट !
कभी माँ के थके पैरों को दबा कर देखो ख़ुशी जन्नत की अपने दिल में तुम पा जाओगे .
जिसने देकर के थपकी सुलाया है तुम्हे क्या उसे दर्द देकर चैन से सो पाओगे ?
सुंदर कोमल और संवेदनशील भाव
बेहद खूबसूरत.
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