हर सुबह नई आशा के साथ जागो;
दिल में विश्वास रखो ऊपर वाले के प्रति;
गिरो अगर तो गिरकर संभालो खुद को;
जिन्दगी में जीत फिर तुम्हारी होगी!
ये मत सोचो क्या खो दिया;
रखो आशा कुछ पाने की;
मत रो अपनी विफलता पर ;
लिखो नयी इबारत कामयाबी की!
संघर्षो की राह पर चलकर ;
मंजिल पालो सपनो की;
गम की गर्मी में तपकर ही
मिलेंगी सांसे राहत की!
जीवन कर्म का स्थल है;
आराम यहाँ कहाँ करना है;
निज प्रयासकी क्यारी को
खुशियों के फूलो से भरना है !
शिखा कौशिक
[विख्यात ]
3 टिप्पणियां:
सकारात्मक सोच लिये बहुत प्रेरक प्रस्तुति ...
saarthak rachana, badhai.
संघर्षो की राह पर चलकर ;
मंजिल पालो सपनो की;
गम की गर्मी में तपकर ही
मिलेंगी सांसे राहत की!
अंतर में बहुत सुंदर भाव और जोश भरती कविता...
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