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सोमवार, 5 मार्च 2012

'विश्व पुस्तक मेला''-एक छोटी सी झांकी



3 मार्च २०१२ को मैं अपने पिता जी के साथ दिल्ली ''विश्व पुस्तक मेला'' भ्रमण पर गयी थी .वहीँ मैंने कुछ फोटोस  मोबाइल से लिए  हैं .यदि आप यहाँ नहीं जा  पायें  हैं तो एक  छोटी  सी झांकी  का  आनंद तो ले ही सकते हैं -

११ number   के पैवेलियन का प्रवेशद्वार 
हिंदी के सभी चर्चित प्रकाशकों की  स्टॉल इसी में थी 


मेरे पिता जी ''नक्षत्र''के पैवेलियन में 
इसमें ज्योतिष की पुस्तकों के अतिरिक्त  ज्योतिष सम्बंधित सामान की स्टॉल  भी थी 



गीता प्रेस की स्टॉल 
इसके विषय में सभी का विचार था कि
इस पर हमेशा  भीड़ रहती  है क्योकि इस प्रकाशन में बहुमूल्य  पुस्तकें कम कीमत पर उपलब्ध है 

एक प्रकाशन ने माता सरस्वती जी की यह 
प्रतिमा स्टॉल पर लगाई जो अनायास ही सबका ध्यान आकर्षित कर रही थी 

भारत सरकार की विधि साहित्य की इस  स्टॉल का भी हमने अवलोकन किया .

वाणी प्रकाशन की स्टॉल बहुत   आकर्षक लगी  .
नेशनल बुक  ट्रस्ट की स्टॉल भी दर्शकों के लिए पलकें बिछाए थी .
दर्शकों की सूचनार्थ इस तरह के सूचना-पट्टिकाएं  भी लगाई  गयी  थी 
यह राजकमल प्रकाशन की सूचना पट्टिका है .
किताबघर  प्रकाशन की स्टॉल में भी भ्रमण किया हमने .

ये महाशय ! बने बच्चों की पहली पसंद तो मैंने भी 
इन्हें रोककर ले लिया  इनका एक फोटो . 

यही  भेंट हुई DDnews  के SR .CORRESPONDENT  
श्री गिरीश निशाना जी से [दायें]
यहाँ भी अन्ना के आन्दोलन से जुड़ने का 
आह्वान   करती   एक   स्टॉल   लगाई   गयी   थी   
युवा वर्ग के लिए यह मुख्य आकर्षण का केंद्र  रही  .
मेरे द्वारा ली गयी कुछ पुस्तकें .

आशा है पुस्तक मेले रुपी अर्णव की एक बूँद रुपी यह झलक आपको भायी होगी .कैसी लगी आपको यह प्रस्तुति जरूर बताएं !
होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ 

शिखा कौशिक 
























6 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

आपने तीसरी बार भ्रमण करा दिया।

Shalini kaushik ने कहा…

thanks a lot .bahut achchha laga yahan ghoomna .

अजय कुमार झा ने कहा…

वाह खूबसूरत झांकी । जा नहीं पाए इसलिए और भी अच्छा लगा चित्रमय झांकी देख कर । कोई बात नहीं दिल्ली पुस्तक मेला में कसर पूरी करेंगे

jadibutishop ने कहा…

badhiya jhanki hai pustak mele ki...
http://jadibutishop.blogspot.in

Raravi ने कहा…

इन चित्रों ने पुस्तक मेले की स्मृति को तारो ताज़ा कर दिया बड़ी तीव्र इच्छा हुई की काश मैं भी होता. कम मूल्य और अच्छी धार्मिक किताबों के लिए गीता प्रेस की किताबों का मुझे भी खूब आकर्षण होता था. खूब खूब धन्यवाद.

समयचक्र ने कहा…

फोटो सहित बढ़िया प्रस्तुति .... होली की शुभकामना और बधाई ...