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मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

माँ एक एक श्वास है



कोई मुझसे पूछता -फरिश्ते से मिली हो कभी ?
मैं उसे ये बोलती ''मै माँ से मिलकर आई  हूँ !

कोई मुझसे पूछता -तू कैसे खुशमिजाज है ?
मै उसे ये बोलती -''ये माँ का आशीर्वाद है .

कोई मुझसे पूछता -''क्या नहीं जन्नत की आरजू ?
मैं उसे ये बोलती -''मेरे पास माँ की गोद है .

कोई मुझसे पूछता -''देखा है खूबसूरत कोई ?
मैं उसे ये बोलती ''मेरी माँ से सुन्दर कौन है !

कोई मुझसे पूछता -''क्या है तू दौलतमंद भी ?
मैं उसे ये बोलती -''माँ की दुआएं साथ हैं .

कोई मुझ से  पूछता -''माँ से अलग क्या कुछ नहीं ?
मैं उसे ये बोलती -'' दिल की धड़कन है वही ,माँ एक एक श्वास है !
            शिखा कौशिक 

10 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

har pankti sangrahniy hai.bahut sundar bhavpoorn abhivyakti.

Kailash Sharma ने कहा…

कोई मुझसे पूछता -तू कैसे खुशमिजाज है ?
मै उसे ये बोलती -''ये माँ का आशीर्वाद है .

...बहुत सही कहा है..माँ के आशीर्वाद से बढ़ कर कुछ नहीं..क्यों आज लोग इस माँ की अनदेखी कर रहे हैं? बहुत ह्रदयस्पर्शी प्रस्तुति..

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सुंदर ...प्यारी कविता

आशुतोष की कलम ने कहा…

मैं निरुतर हूँ..शायद अनुभवहीन हूँ ..

माँ से कुछ सवाल-एक अनाथ के

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Sashakt....arthpoorn rachna

Dinesh pareek ने कहा…

वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी
आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको
बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था
अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे
आपका मित्र दिनेश पारीक

Dinesh pareek ने कहा…

वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी
आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको
बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था
अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे
आपका मित्र दिनेश पारीक

Anita ने कहा…

माँ बेशर्त प्रेम बाँटती है इसीलिए इतनी प्यारी है! सुंदर कविता !

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सही कहा है| माँ के आशीर्वाद से बढ़ कर कुछ नहीं|

आकाश सिंह ने कहा…

प्रिय शिखा दीदी
आपने मुझे निरुत्तर कर दिया | अब मुझे कहने के लिए तो कुछ बचा ही नही |
मेरी माँ अस्पताल में हैं और मैं अभी उनसे मिलकर आ रहा हूँ | मुझे ऐसा लग रहा है जैसे ये रचना मेरे लिए ही लिखी गई हो | धन्यवाद | समय मिले तो कृपया मेरे ब्लॉग पे आयें |