मैं भारत हूँ सुन ले घाटी दिल की सारी गांठे खोल
दहशतगर्दी मिटे मुल्क से संग-संग मेरे तू भी बोल .
दहशतगर्दी जो फैलाये करना उसका काम तमाम ,
नरम नहीं अब सख्त दिलों से लेना होगा हमको काम ,
मेरा बेटा-तेरा भाई सबको एक तराजू तोल !
दहशतगर्दी मिटे ..........................................
मासूमों के हत्यारों को फांसी देनी होगी रोज़ ,
अमन मिटाने वालों की नहीं मनेगी खूनी मौज ,
घाटी अपने खून में तू भी देश की भक्ति का रस घोल !
दहशतगर्दी मिटे ..........................................
अगली पीढ़ी नहीं गोद में गद्दारों के खेलेगी ,
दहशत के अंधड़ को वो भला क्यों झेलेगी ,
उनको हम आतंक मिटाकर अमन का दें तोहफा अनमोल !
दहशतगर्दी मिटे ..........................................
शिखा कौशिक 'नूतन'
2 टिप्पणियां:
सुन्दर प्रस्तुति आदरेया -
शुभकामनायें ||
बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति कैग [विनोद राय ] व् मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन ]की समझ व् संवैधानिक स्थिति का कोई मुकाबला नहीं . कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
एक टिप्पणी भेजें