श्रीमान जरदारी -तब होगी मुलाकात !
जो भेजते हैं कातिल हमारी ज़मीन पर ;
आये थे बन जियारती हमारी ज़मीन पर .
रचते हैं साजिशें अपनी ज़मीन पर ;
हम दे रहे जियाफ़त1 उन्हें हमारी जमीन पर .
तू तो हमारे कातिलों को दे रहा पनाह ;
हम हाथ मिलाते हैं हमारी ज़मीन पर !
कैसे करें क़ुबूल ख्वाज़ा तेरी दुआ ?
तूने बहाया खून हमारी ज़मीन पर .
फैलसूफ2 फैयाज़3 बना ख्वाज़ा की मज़ार पर ,
करता है क्यों मसखरी हमारी ज़मीन पर .
महकूम4 हिन्दुस्तान की जानती है सब ;
क्यों करता तमाशा हमारी ज़मीन पर .
तू घुटा मुरशिद5 करे दोस्ती की बात ,
मुल्ज़िम तो कर हवाले हमारी ज़मीन पर .
माकूल है चेहरे से मखौटे को हटा दे ;
फिर होगी मुलाकात हमारी ज़मीन पर .
शिखा कौशिक
[1-दावत ,२-dhoort ;3-दानी ;४-janta ;5-mahadhoort ]
आये थे बन जियारती हमारी ज़मीन पर .
रचते हैं साजिशें अपनी ज़मीन पर ;
हम दे रहे जियाफ़त1 उन्हें हमारी जमीन पर .
तू तो हमारे कातिलों को दे रहा पनाह ;
हम हाथ मिलाते हैं हमारी ज़मीन पर !
कैसे करें क़ुबूल ख्वाज़ा तेरी दुआ ?
तूने बहाया खून हमारी ज़मीन पर .
फैलसूफ2 फैयाज़3 बना ख्वाज़ा की मज़ार पर ,
करता है क्यों मसखरी हमारी ज़मीन पर .
महकूम4 हिन्दुस्तान की जानती है सब ;
क्यों करता तमाशा हमारी ज़मीन पर .
तू घुटा मुरशिद5 करे दोस्ती की बात ,
मुल्ज़िम तो कर हवाले हमारी ज़मीन पर .
माकूल है चेहरे से मखौटे को हटा दे ;
फिर होगी मुलाकात हमारी ज़मीन पर .
शिखा कौशिक
[1-दावत ,२-dhoort ;3-दानी ;४-janta ;5-mahadhoort ]
4 टिप्पणियां:
BAHUT SUNDAR
bahut hi sundar
सटीक ...सुंदर रचना
बहुत खूब !
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