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बुधवार, 7 दिसंबर 2011

मोबाईल मियां क़ा जलवा.


मोबाईल मियां क़ा जलवा






           

ये काम न करना था पर मैंने कर लिया 
यारों ने जिद किया था मोबाइल ले लिया .

वे बोले तू कंजूस है ;टच में नहीं रहता 
यारों के ऐसे ताने कैसे मैं सह लेता ?
ले  आया एक सैट  उसमे सिम भी डलवाया 

खुश होकर दोस्तों को नंबर भी बतलाया 
फिर घंटी दे देकर मुझको परेशान कर दिया .
यारों  ने जिद करी ....

रिंगटोन पर हुआ था घर में बड़ा झगडा 
बच्चों की पसंद थी इसमें पॉप और भंगड़ा ;
मैं बोला इसमें मन्त्र या चौपाई बजेगी 
पर लग गया था मुझको झटका बड़ा तगड़ा 
वाइफ ने उनके पक्ष में मतदान कर दिया 
यारों ने जिद करी थी .....
बेटा मैसेज करता रहता ; बेटी करती है चैट 
वाइफ के बात करने का टाइम है इस पर सैट 
ये बन गया है मेरा अब  दुश्मन नंबर -१
ये बजता  है तो लगता जैसे हो फटा बम 
मेहनत की कमाई को मिनटों  में पी गया 
यारों ने जिद ............
                                              शिखा  कौशिक  
                                 [विचारों का चबूतरा ]
[sabhi photo ''fotosearch.com'' se sabhar ]

3 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

मोबाईल जहाँ उपयोगी है वहीं जी का जंजाल भी ..अच्छा व्यंग

Shri Sitaram Rasoi ने कहा…

मोबाइल फोन से ब्रेन कैंसर भी होता है।

Sarik Khan Filmcritic ने कहा…

bahut Badiya