मेरा दिल ये कहे ; हम रहें न रहें
शान से ये तिरंगा लहरता रहे ,
साँस चलती रहे ; साँस थमती रहें
ये वतन का गुलिस्ता महकता रहे .
मेरा दिल ये कहे ..............
अब वतन में चले बस अमन की हवा
एक होकर रहें बस यही है दुआ ,
जग के अम्बर पर बन के सितारा वतन
हर बुलंदी पे हर दम चमकता रहे .
मेरा दिल ये कहे ..................
याद अपने शहीदों की जिन्दा रहे
हर कदम देश-भक्ति के पथ पर बढे ;
जान देने को अपने वतन के लिए
हर घडी अपना दिल भी मचलता रहे .
मेरा दिल ये कहे ............
और लक्ष्य हमारा हो शत्रु-विजय ,
सुन के ललकार भारत के वीरों की ये
शत्रु दल का ह्रदय भी दहलता रहे .
मेरा दिल ये कहे ......
[सभी फोटोस इन.कॉम से साभार ]
शिखा कौशिक
[विख्यात ]
5 टिप्पणियां:
वन्देमातरम !!!
जय हिंद!!!
सुन्दर प्रस्तुति!
प्यारी कविता .... जयहिंद
अपने चर्चा मंच पर, कुछ लिंकों की धूम।
अपने चिट्ठे के लिए, उपवन में लो घूम।।
बहुत सुंदर प्रस्तुति..वंदे मातरम !
एक टिप्पणी भेजें