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मंगलवार, 29 नवंबर 2011

शान से ये तिरंगा लहरता रहे !




मेरा दिल ये  कहे  ; हम रहें  न  रहें  
शान  से  ये  तिरंगा  लहरता  रहे ,
साँस  चलती   रहे ; साँस  थमती  रहें   
ये  वतन का गुलिस्ता महकता रहे .
मेरा दिल ये कहे ..............

अब वतन में चले बस अमन की हवा 
एक होकर रहें बस यही है दुआ ,
जग के अम्बर पर बन के सितारा वतन 
हर बुलंदी पे हर दम चमकता रहे .
मेरा दिल ये कहे ..................
याद अपने शहीदों की जिन्दा रहे 
हर कदम देश-भक्ति के पथ पर बढे ;
जान देने को अपने वतन के लिए 
हर घडी अपना दिल भी मचलता रहे .
मेरा दिल ये कहे ............
इन लबों पर रहे 'भारत माता ' की जय 
और लक्ष्य हमारा हो शत्रु-विजय ,
सुन के ललकार भारत के वीरों की ये 
 शत्रु दल का ह्रदय भी दहलता रहे .
मेरा दिल ये कहे ......
[सभी फोटोस इन.कॉम से साभार ]
                          शिखा कौशिक    
                 [विख्यात  ]


5 टिप्‍पणियां:

Pallavi saxena ने कहा…

वन्देमातरम !!!

अनुपमा पाठक ने कहा…

जय हिंद!!!
सुन्दर प्रस्तुति!

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

प्यारी कविता .... जयहिंद

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अपने चर्चा मंच पर, कुछ लिंकों की धूम।
अपने चिट्ठे के लिए, उपवन में लो घूम।।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति..वंदे मातरम !