नाम ''पकिस्तान'' है मगर पाकीज़गी का नाम नहीं !
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत की रिहाई पर बुधवार शाम से शरू पाकिस्तान के नाटक ने सरबजीत के परिवार के साथ साथ करोड़ों भारतीयों की भावनाओं का भी मखौल उड़ाया है . ह्रदय मे भर आये आक्रोश को इन शब्दों में प्रकट करने का प्रयास किया है -
तू है खादिम मगर खुद को समझता है खालिक ;
[ my voice]
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत की रिहाई पर बुधवार शाम से शरू पाकिस्तान के नाटक ने सरबजीत के परिवार के साथ साथ करोड़ों भारतीयों की भावनाओं का भी मखौल उड़ाया है . ह्रदय मे भर आये आक्रोश को इन शब्दों में प्रकट करने का प्रयास किया है -
तू जो कहता है तेरी बात पर यकीन नहीं ;
नाम ''पकिस्तान'' है मगर पाकीज़गी का नाम नहीं .
तेरी मक्कारियों के ज़ख्म अभी ताज़ा हैं ;
तेरे जैसा ज़माने में तमाशबीन नहीं .
तू है खादिम मगर खुद को समझता है खालिक ;
ख़बीस देख तेरे पैरों तले ज़मीन नहीं .
ख़निल तेरी जगह दोजख़ में बड़ी पक्की है ;
वैसे दोजख़ भी इससे बड़ी तौहीन नहीं .
देखकर दर्द औरों के बड़ा हँसता है ;
रीआइ मौत पर तेरे होगा कोई ग़मगीन नहीं .
[ख़निल-सेंधमार चोर , खालिक-ईश्वर ,रिआइ-मक्कार ]
शिखा कौशिक
4 टिप्पणियां:
हद-ए-झूठ !
रंगों की महफिल में सिर्फ़ हरा रंग तीखा,बाकी सब फीके !
सच तो खैर, इस युग में कम ही लोग बोलते है ,
मगर झूठ बोलना तो कोई इन पाकिस्तानियों से सीखे !!
झूठ भी ऐंसा कि एक पल को, सच लगने लगे !
दिमाग सफाई के धंदे में,इन्होने न जाने कितने युवा ठगे !!
गुनाहों को ढकने के लिए, खोजते है रोज नए-नए तरीके !
सच तो खैर, इस युग में कम ही लोग बोलते है,
मगर झूठ बोलना तो कोई इन पाकिस्तानियों से सीखे !!
मैंने बहुत पहले एक कविता लिखी थी चाँद पंक्तिया यहाँ मौजूद है विस्तृत आप इस लिंक पर पढ़ सकती है ; http://gurugodiyal.blogspot.in/2008/12/blog-post_25.html
वाह जी वाह..!
आपने मुशायरा पर भी अपनी पोस्ट मेरी पोस्ट के तुरन्त बाद लगा दी!
कमेंट पाने की इतनी इच्छा है तो आप अपनी रचनाएँ मुझे मेल कर दिया करें। मैं अपने ब्लॉग पर भी लगा दिया करूँगा!
यह तो अदावत वाली बात हुई!
अभी 6-30 पर मेरी पोस्ट मुशायरा पर प्रकाशित हुई और आपने ठीक इसके बाद अपनी भी पोस्ट ठेल दी!
शुभकामनाएँ!
--
मैं अपनी मुशायरा से पोस्ट हटा रहा हूँ!
वाह शिखा जी , इस स्थिति को इससे बेहतर ढंग से नहीं कहा जा सकता था । बहुत ही बढिया
सुन्दर अभिव्यक्ति ....
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