इस दिल को फौलाद बना लो
हाथों को हथियार बना लो
बुद्धि को तलवार बना लो
फिर मेरे संग कदम मिलाकर
प्राणों में तुम आग लगाकर
ललकारों उन मक्कारों को
भारत माँ के गद्दारों को ,
धुल चटा दो इन दुष्टों को
लगे तमाचा इन भ्रष्टों को
इन पर हमला आज बोल दो
इनके सारे राज खोल दो ,
आशाओं के दीप जला दो
मायूसी को दूर भगा दो
सोया मन हुंकार भरे अब
सच की जय-जयकार करें सब ,
झूठे का मुंह कर दो काला
तोड़ो हर शोषण का ताला
हर पापी को कड़ी सजा दो
कुकर्मों का इन्हें मजा दो ,
सत्ता मद में जो हैं डूबे
लगे उन्हें जनता के जूतें
जनता भूखी नंगी बैठी
उनकी बन जाती है कोठी ,
आओ इनकी नीव हिला दे
मिटटी में अब इन्हें मिला दे
भोली नहीं रही अब जनता
इतना इनको याद दिला दे ,
हम मांगेंगे अब हक़ अपना
सच कर लेंगे हर एक सपना
आगे बढना है ये कहते
''सत्यमेव जयते -सत्यमेव जयते ''
11 टिप्पणियां:
वीररस से ओत-प्रोत रचना।
इन्कलाब जिन्दाबाद।
सुंदर आव्हान लिए रचना ..बहुत बढ़िया
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
आंसू को तेजाब बना लो
इस दिल को फौलाद बना लो
हाथों को हथियार बना लो
सूत्र वाक्य - सत्यमेव जयते , का संखनाद करें ,हर बुराई को अतल गहराईयों में तिरोहित करें ..... शुभकामनायें जी /
सुंदर आव्हान लिए रचना ..बहुत बढ़िया
उमंग और जोश भरी कविता !
हम मांगेंगे अब हक़ अपना
सच कर लेंगे हर एक सपना
आगे बढना है ये कहते
''सत्यमेव जयते -सत्यमेव जयते ''
सुन्दर अभिव्यक्ति...
सादर बधाइयां.
आपकी आवाज आईएस सीमा तक जानी चाहिए
हम मांग मांग कर हार चुके कितने दिन मांगें जायेंगें
अब हम संसद में बैठेगें हम ही कानून बनायेगें |सबके हक़ में राशन शासन का करना अब बंटवारा है,
हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है |
आपकी आवाज आईएस सीमा तक जानी चाहिए
हम मांग मांग कर हार चुके कितने दिन मांगें जायेंगें
अब हम संसद में बैठेगें हम ही कानून बनायेगें |सबके हक़ में राशन शासन का करना अब बंटवारा है,
हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है |
सत्यमेव जयते आप ने बहुत ही अच्छी भावनात्मक्ता प्रदान की है हां इक बात और आप ने मेरे ब्लाग पे जो भी ज्योतिश के अनुसार बताया वो कुछ हद तक सही है पर मेरा नाम अ से प्रारम्भ होता है धन्यवाद परन्तु आपका e mail पता न होने के कारण व्यक्तिगत रुप से धन्यवाद नही दे सका।
bahut hi sundar abhivakti hai
kabhi hamare blog apr bhi padhre
www.kavipradeeptiwari.blogspot.com
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