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मंगलवार, 13 मई 2014

'विश्वास'


जिन्दगी ठहरती नहीं है;
चलती रहती है;
कभी धीरे -धीरे
कभी तेज रफ़्तार से;
वो मूर्ख है
जो ये सोचता है क़ि
एक दिन ऐसा आएगा क़ि
जिन्दगी रूकेगी और
उसे सलाम करेगी;
ऐसा कुछ नहीं होता;
क्योकि जिन्दगी एक
भागता हुआ पहिया है;
जो जब रूकता है
तो गिर पड़ता है;
जिन्दगी का रूकना 'मौत ' है;
जो विद्वान है अथवा जिसे
थोडा भी ज्ञान है
वे करते हैं
जिन्दगी के साथ- साथ चलने
का प्रयास;
और कभी नहीं करते
इस पर 'विश्वास'

शिखा कौशिक 'नूतन '

सोमवार, 5 मई 2014

''यह भारत-वर्ष महान है !''


कण-कण में  स्वर्णिम आभा है ,
निर्मलता यहाँ के तृण-तृण में  ,
सरस्वती का वर-स्वरुप
यह भारत-वर्ष महान  है !
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महापुरुषों की  प्रिय -भूमि  ,
सज्जनता की  है ये मशाल  ,
धर्म की सुरभि चहुँ -दिशा  में ,
हाँ ! इस  पर  हमको  अभिमान  है !
यह भारत-वर्ष महान  है !
...........................................
राम हुए बलराम हुए ,
हुए यहाँ पर बनवारी  ,
गौतम -गांधी  के हाथों  फिर
फूली भारत की फुलवारी ,
वीरो का तीर्थ-स्थान है !
यह भारत-वर्ष महान  है !
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झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ,
भगत सिंह का देश है ,
आज़ादी रहे अटल इसकी ,
दुश्मन के प्रति आवेश है ,
तन-मन-धन सब कुर्बान है !
यह भारत-वर्ष महान  है !

जय हिन्द ! जय भारत !

सोमवार, 14 अप्रैल 2014

'दर्द से दिल मेरा फटने लगा '



मेरे ख्वाबों का कद बढ़ने लगा मुझको सजा दो ,
मुझे घर जेल सा लगने लगा मुझको सजा दो !
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मिली तालीम मैंने भी पकड़ ली हाथ में कलम ,
मेरा हर दर्द बयां होने लगा मुझको सजा दो !
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लांघकर चौखटे रखा जो कदम मैंने हिम्मत से ,
खौफ दुनिया का है घटने लगा मुझको सजा दो !
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उठा पर्दा जो आँखों से दिखा अपना वज़ूद तब ,
सोया अरमान हर जगने लगा मुझको सजा दो !
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मुझे अब चीखना पुरजोर  'नूतन' इस ज़माने में ,
दर्द से दिल मेरा फटने लगा मुझको सजा दो !

शिखा कौशिक 'नूतन'

रविवार, 13 अप्रैल 2014

मेरी बहन बहन ...तेरी बहन प्रेमिका !!!

मेरी बहन बहन ...तेरी बहन प्रेमिका !!!
[google se sabhar ]

लड़का लड़की ने मिलकर सोचा 
''प्रेम ही सब कुछ  है  ''
हम दोनों  एक  दूजे  के  
बिना   मर   जायेंगे  !
माता  -पिता बहन-भाई 
ये सब क्या खाक साथ निभायेंगें ?
वैसे भी हम अपनी भलाई जानते हैं 
इसीलिए मर्यादा ;नैतिकता;
पारिवारिक नियंत्रण को हम नहीं मानते हैं .
दोनों योजना बनाकर फरार हो गए ;
घरवालों ने मिन्नतें की 
तो लौट आने को तैयार हो गए ,
जिस  दिन दोनों का विवाह हुआ 
एक और हादसा हो गया ;
लड़की का भाई लड़के की बहन 
को लेकर रफूचक्कर हो गया .
जो लड़का खुद किसी और की 
बहन को लेकर भागा था 
आज  उसके सिर शैतान सवार हो गया ;
बोला बदचलन बहन को 
सबक सिखाऊंगा ;
मर्यादा लांघी है परिवार की 
इसका मज़ा चखाऊंगा ,
ढूँढकर  दोनों को ज्यों ही 
रिवाल्वर साले पर तानी 
साले ने भी जेब से पिस्टल निकाली 
बोला -ये बदला है मेरे परिवार की
इज्ज़त  से खेलने का ;
मैंने  भी तुम्हारी इज्ज़त 
मिटटी   में मिला डाली !!!!!

                                           shikha kaushik 
                                            [vikhyat ]

मंगलवार, 5 मार्च 2013

'राजा 'को फाँसी अब चढ़ना होगा !!

Noose : White rope tied in a hangman's noose knot. Stock Photo
राजा भइया
 

छोड़ प्राण का मोह हमें अब लड़ना होगा !
बाहुबल से आर-पार अब लड़ना होगा !!

कब तक बेटे -पिता -भाई हम ऐसे खोयें ?
हर अपराधी को फाँसी अब चढ़ना होगा !!

'राजा ' है हत्यारा जनता क़त्ल हो रही !
सिंहासन के टुकड़े करने को बढ़ना होगा !!

जनता के सेवक ही सिर पर चढ़ कर बैठे !
इन्हें उतरकर जन-चरणों में पड़ना होगा !!

बाहुबल की काट दो बाहु फिर बल कैसा ?
'नूतन'इनको जेलों में अब सड़ना होगा !!

             शिखा कौशिक 'नूतन'