[क्यूट बेबी से साभार ]
क्यूँ किया पता हे ! मात-पिता?
कि कोख में मैं एक कन्या हूँ.
उस पर ये गर्भ पात निर्णय
सुनकर मैं कितनी चिंतित हूँ?
हाँ !सुनो जरा खुद को बदलो
मैं ऐसे हार न मानूगीं;
हे! माता तेरी कोख में अब
मैं बेटी का हक़ मागूंगी !
बेटी के रूप में जन्म लिया;क्यूँ देख के मुरझाया चेहरा;
मैं भी संतान तुम्हारी हूँ;
फिर क्यूँ छाया दुःख का कोहरा
लालन पालन मेरा करके
मुझको भी जीने का हक दो
मैं करुं तुम्हारी सेवा भी
ऐसी मुझमे ताक़त भर दो
बेटी होकर ही अब मैं तुमसे
बेटो जैसा हक मांगूगी
हे माता! तेरी कोख में अब
मैं बेटी का हक मांगूगी.
1 टिप्पणी:
इतने अच्छे विचारों के मोती आते कहां से कोई राज हो ओ हमें भी बताये ।धन्यवाद
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