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मंगलवार, 27 नवंबर 2012

है औरत बस फबन मर्द के घर की 'नूतन'



Muslim_man : Muslim Arabic couple inside the modern mosque Stock Photostock photo : Young brunette beauty or bride, behind a white veil
मर्द बोला हर एक फन मर्द में ही होता है ,
औरत के पास तो सिर्फ  बदन   होता है .



 फ़िज़ूल   बातों  में वक़्त  ये  करती  ज्जाया   ,
मर्द की बात   में कितना   वजन   होता है !



 हम हैं मालिक हमारा दर्ज़ा है उससे  ऊँचा ,
मगर द्गैल को ये कब सहन होता है ?


 रहो नकाब में तुम आबरू हमारी हो ,
बेपर्दगी से बेहतर तो कफ़न होता है .


 है औरत बस फबन मर्द के घर की 'नूतन'
राज़ औरत के साथ ये भी दफ़न होता है .

शिखा कौशिक 'नूतन'

[द्गैल -धोखेबाज़ ,      फबन-सज सज्जा ]



5 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति |
बधाई स्वीकारें-

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति !:)
मगर आज इस सच को भी नकारा नहीं जा सकता है कि औरत कई क्षेत्रों में मर्द के साथ क़दम से क़दम मिलकर चल रही है... और हम औरतों को इस बात पर गर्व भी होना चाहिए ... :-)
~सादर !!!

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति !:)
मगर आज इस सच को भी नकारा नहीं जा सकता है कि औरत कई क्षेत्रों में मर्द के साथ क़दम से क़दम मिलकर चल रही है... और हम औरतों को इस बात पर गर्व भी होना चाहिए ... :-)
~सादर !!!

राजन ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रस्तुति।

Madhuresh ने कहा…

मुझे इतनी उर्दू तो समझ नहीं आई, मगर जितना समझा उससे ये तो कह सकता हूँ कि औरत के बारे में निम्न सोच रखनेवाले पुरुष शायद सही मायने में पुरुष ही नहीं हैं ...
सादर
मधुरेश